Skip to main content

कॉलेज का अपराधी - College Delinquent


कॉलेज में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा था। कई विद्यार्थी कॉलेज में ही रात बिताने की सोचते हैं। सुबह के समय, जब शिक्षक और विद्यार्थी लोग , कॉलेज के आंगन में पहुंचते हैं। वहां का दृश्य देखकर, वे अंदर से कांप जाते हैं। आंगन में एक लाश पड़ी हुई थीं और यह लाश कॉलेज में पढ़ने वाले एक विद्यार्थी की थी। जो कल रात शिक्षक दिवस की पार्टी मना रहा था। देखने पर ऐसा लग रहा था। उसे पेट पर कई बार चाकू घोंपा गया हो। जमीन पर काफी मात्रा में खून बिखरा पड़ा था। कुछ समय बाद पुलिस अधिकारीयों को खबर की जाति है और वे उस लाश को अपने साथ ले जाते हैं। साथ ही कॉलेज में मौजूद लोगों से पूछताछ भी की जाती है। दूसरे दिन। तीन भाई अपने पिता के साथ शहर आते हैं। कॉलेज शहर में ही था। कॉलेज में‌ जिस विद्यार्थी की लाश पाई गई थी। वह विद्यार्थी उसके बड़े भाई का दोस्त था। छोटे भाई को डिटेक्टिव मुवीज देखना काफी पसंद था। इसकी उम्र लगभग 18 वर्ष के आसपास थी। बड़े भाई का दोस्त होने के कारण, वह छोटा भाई कॉलेज पहुंचता है और छानबीन करने लगता है। किसी तरह अपराधी का सुराग मिल जाए। दोपहर होने चली थी। तेज धूप से जमीन भी तप रही थी। छोटा भाई निराशा होकर , वहां से चला जाता है। यह सब दूसरा आदमी देख रहा था। वह आदमी उसका पीछा करने लगता है। छोटा भाई किराए के घर में पहुंचता है। वह देखता है। पिताजी और दूसरे भाई पलंग पर गहरी नींद में सोए हुए थे। दरवाजा खुला हुआ था। अचानक एक वह आदमी कमरे में आ गया और छोटे भाई को डराने लगा। वह कहने लगा - उस हत्या की छानबीन और जांच पड़ताल छोड़ दो, वरना में तुम्हें। यह सुनकर छोटा भाई घबरा जाता है और कहता है। ठीक है, ठीक है। वह आदमी वहां से चला जाता है। उसके बाद वह एक लम्बी सांस भरता हुआ, अपने माथे से पसीना पोछता है। दरवाजे को बंद कर देता है और अपने दुसरे भाईयों के साथ पलंग पर सो जाता है। तीसरे दिन। दरवाजे पर खट-खट होती है। छोट भाई दरवाजा खोलता है‌‌। बाहर तरफ विद्यार्थियों की भीड़ लगी हुई थी। विद्यार्थी जन उस छोटे भाई पर आरोप लगा रहे थे कि यही अपराधी हैं, यही अपराधी हैं। क्योंकि दुसरे दिन, वह उस जगह पर कुछ खोज रहा था। पुलिस अधिकारी इन बातों को सुनकर, उसे गिरफ्तार नहीं करती है। क्योंकि कॉलेज के दरवाजे पर लगे हुए सीसीटीवी फुटेज में उसकी तस्वीर नहीं थी। पुलिस अधिकारी जानती थी कि कॉलेज का ही कोई अपराधी हैं। परंतु कौन? यह अभी तक पुलिस अधिकारीयों को नहीं पता चली थी। न ही वह चाकू मिला था। चौथे दिन। पिताजी और तीन भाई वाहन पर बैठकर, घर की ओर जाने लगते है। परंतु छोटा भाई और उसके चाचा का बड़ा भाई उतर जाते हैं। कुछ सामान खरीदने के लिए। सामान खरीदने के बाद , वे वाहन की तरह दौड़ते हैं, परंतु वाहन छुट जाती है। एक टकराने की आवाज आती है। वे नजर दौड़ते हैं तो देखते हैं, कि एक महीला स्कुटी समेत दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। वे उस महिला को उठाते हैं और एक जगह पर लिटा देते हैं। उसके बाद वे एम्बुलेंस को फोन लगाते हैं। लगभग आधे घंटे बाद एम्बुलेंस पहुंचतीं है। उस महिला को एम्बुलेंस अस्पताल ले जाती है। वे दोनों सड़क के किनारे खड़े हुए, दूसरे वाहन का इंतजार करने लगते हैं। दूसरी वाहन आती है और रुकती है। पहले चाचा बड़ा लड़का वाहन पर चढ़ता है और कुछ देर बाद वापस आता है। उसके चेहरे पर एक अलग ही खुशी थी। वाहन वहीं पर रूकी हुई थी। वाहन के भीतर क्या है? यह देखने के लिए छोटा भाई भी वाहन के अंदर जाता है। छोटा भाई यह दृश्य देखकर, आश्चर्यचकित हो जाता है। वाहन के भीतर एक कोमल पलंग पर पूर्ण रूप से नग्न एक विदेशी महिला बेठी हुई थी। वह महिला उसे देखकर मुस्कुरा रही थी। छोटे भाई से रहा न गया। वह भी पूर्ण नग्न होकर, उसके साथ काफी समय तक योनि क्रिया करने लगा। तभी एक आवाज आती है - उठो! काफी समय हो गया है। वह नींद से जाग जाता है। उसे पता चलता है, यह मात्र एक सपना था। वह इधर - उधर देखने लगता है और नींद में देखें हुए सपने के बारें में सोचने लगता है। उसकी नजर अपनी पेंट पर पड़ती है। जो थोड़ी गिली हो गई थी। उसके बाद वह पलंग से उठकर, हाथ - मुंह धोने चला जाता है।

लघु कहानीकार 
पंकज मोदक 

Teacher's Day was being celebrated in the college. Many students think of spending the night in the college itself. In the morning, when teachers and students reach the college courtyard. Seeing the scene there, they tremble from within. There was a dead body lying in the courtyard and it was that of a college student. Who was celebrating Teacher's Day party last night. It looked like this. He may have been stabbed several times in the stomach. A large amount of blood was scattered on the ground. After some time, the police officers come to know about the news and they take the dead body with them. Besides, the people present in the college are also interrogated. next day. Three brothers come to the city with their father. The college was in the city itself. The student whose body was found in the college. That student was his elder brother's friend. Younger brother loved watching detective movies. His age was around 18 years. Being a friend of the elder brother, the younger brother reaches the college and starts investigating. Somehow the clue of the culprit should be found. It was almost noon. The ground was also getting heated by the strong sunlight. The younger brother gets disappointed and leaves from there. Another man was watching all this. The man starts chasing him. Younger brother reaches the rented house. He sees. Father and other brothers were fast asleep on the bed. The door was open. Suddenly a man came into the room and started scaring the younger brother. He started saying – Leave the investigation and investigation of that murder, otherwise I will kill you. Hearing this the younger brother gets nervous and says. OK OK. The man leaves from there. After that he takes a deep breath and wipes the sweat from his forehead. He closes the door and sleeps on the bed with his other brothers. On the third day. There is a knock at the door. Younger brother opens the door. There was a crowd of students outside. The students were accusing that younger brother that he is the culprit, he is the culprit. Because the next day, he was searching for something at that place. The police officer, hearing these things, does not arrest him. Because his picture was not in the CCTV footage posted at the college door. The police officer knew that someone from the college was the culprit. But who? The police officers had not yet come to know about this. Nor was that knife found. On the fourth day. Father and three brothers sit in the vehicle and start going towards home. But the younger brother and his uncle's elder brother go down. To buy some goods. After purchasing the goods, they run like a vehicle, but miss the vehicle. A crashing sound is heard. When they look, they see that a woman has met with an accident along with her scooter. They pick up the woman and make her lie down at a place. After that they call the ambulance. The ambulance arrives after about half an hour. The ambulance takes the woman to the hospital. Both of them stand on the side of the road, waiting for another vehicle. Another vehicle comes and stops. First uncle, the elder boy boards the vehicle and returns after some time. There was a different happiness on his face. The vehicle was stopped there. What's inside the vehicle? The younger brother also goes inside the vehicle to see this. The younger brother is surprised to see this scene. Inside the vehicle, a completely naked foreign woman was sitting on a soft bed. The woman was smiling at him. Couldn't control my younger brother. He also became completely naked and started having vaginal intercourse with her for a long time. Just then a voice comes – Get up! It's been a long time. He wakes up from sleep. He realizes, it was just a dream. He starts looking here and there and starts thinking about the dream he saw in sleep. His eyes fall on his pants. Which had become a little wet. After that he gets up from the bed and goes to wash his hands and face.

Short story writer
Pankaj Modak

Popular posts from this blog

अनजान गांव - Unknown Village

सुनिदा जो कुछ दिनों पहले नयी शिक्षिका बनी। उसके खुशी का ठिकाना न था। वह बेहद खुश थी। परंतु वह जिस विद्यालय में नियुक्त हुई। वह शहर से काफी दूर था। दूसरे दिन। वह अपने पिता का आशीर्वाद लेकर निकल ही रही थी कि उसके पिता ने कहा - बेटी कुछ छुट्टे रूपये ले जाओं। तुम्हारे काम आएंगे। सुनिदा ने कहा - पिताजी बाहर किसी से छुट्टे रूपये ले लुंगी। उसके बाद वह घर से बाहर निकल गई। वह बस स्टॉप की ओर बढ़ने लगी। कुछ देर बाद वह बस स्टॉप के पास पहुंची। उसने बस पकड़ी और विद्यालय की ओर चल पड़ी। उस विद्यालय के पहले एक अनजान गांव पड़ता हैं। जब सुनिदा ने विद्यालय का नाम स्मार्टफोन के नक्शे पर सर्च किया तो वह आ गया। परंतु विद्यालय से थोड़ी दूर पर स्थित उस अनजान गांव के बारे में नक्शे पर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं थी या शायद किसी ने जानकारी नहीं छोड़ी थी। यह देखकर उसे थोड़ा आश्चर्य हुआ। कुछ घण्टे बाद वह बस उस गांव से गुजरने लगीं। सुनिदा ने खिड़की से बाहर झांककर देखा तो उसे थोड़ी घबराहट हुई। उस गांव में कोई दुकान न थी। बाहर बैठे लोग सुनिदा को ही देखें जा रहे थे। जैसै- उन लोगों की नजरें सिर्फ़ सुनिदा पर ही टिकी हुई हो।

कपूर का प्रभाव - Effect Of Camphor

मेरे पिताजी जिनका नाम शंकर था। उनका जन्म भारत देश के एक छोटे से गाँव चन्दाहा मे हुआ था। शंकर जी के पिताजी विजय जी बी. सी.सी.एल में कार्यरत थे। शंकर जी जब बारह वर्ष के थे। विजय जी नशे में धुत होकर आते और शंकर जी के माताजी सुमु देवी को काफी मारते-पीटते। यह देखकर शंकर जी उदास हो जाते थे। शंकर जी का एक दोस्त है- जिसका नाम नारायण था। वे एक ही कक्षा में थे और एक साथ पढ़ाई करते थे । उन्होंने 16 वर्ष की उम्र में 10वीं पास की। उस समय चन्दाहा गाँव में गाड़ी की सम्भावना ना के बराबर थीं । उन दोनों ने, चास नामक प्रखंड के एक कॉलेज में नामांकण कराया। कॉलेज में कार्य पड़ने पर उन दोनों को 15 किलोमीटर पैदल चलकर वहाँ पहुँचन पड़ता था। शंकर जी के पाँच बहनें थीं। जो उनसे उम्र में बड़ी थी। उस समय चन्दाहा के आस-पास कोई कॉलेज न था। गाँव में बेलगाड़ी की सुविधा थी । परंतु उतने दूर न जाती थी। उन्होनें 18 वर्ष की उम्र में 12वीं की की परीक्षा उत्तीर्ण किया। अब वे दोनों पटना के एक विश्वविद्यालय में बी० ए० का नामांकण कराये । शंकर जी के पिताजी कभी - कबार ही काम पर जाया करते थे। बाकि दिन नशे में धुत रहते थे । इसलिए वे बहु

विलुप्त जीव - Extinct Creatures

पृथ्वी पर हरियाली छाई हुई थी। रोज की तरह लोग अपने‌ काम में जा रहे थे, आ रहे थे। एक दिन प्रसिद्ध विज्ञान संस्था ने एक रिपोर्ट जारी की। जिसमें लिखा था - पेड़ों की संख्या हर वर्ष कम होती जा रही है। जिससे ओजोन परत की क्षति, वायू प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। इसलिए आपसे अनुरोध है कि पेड़ अधिक से अधिक लगाएं और मनुष्य जीवन को बचाएं। इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद बहुत लोगों ने इसे झूठ समझकर भूल गए, तो कुछ लोगों ने इसे सच मानकर थोड़े डर गए। कुछ दिनों बाद एक व्यक्ति अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहा था। उसने वह रिपोर्ट पढ़ी। उसने मनुष्य जीवन की अच्छाई के लिए कुछ करने की सोची। वह प्रतिदिन एक पेड़ को रोपता। पानी देता और उस पौधे को देखकर उसका मन खुशी से खिल उठता। वह वर्ष में एक बार जगह-जगह जाकर पर्यावरण को बढ़ावा देने, वायू प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण और जल प्रदूषण को कम करने, पॉलीथिन बैग का इस्तेमाल कम करने के बारे में लोगों को जागरूक करने की कोशिश करता। एक रात उस व्यक्ति के मन में एक ख्याल आया कि क्यों न चिड़ियाघरों में पिंजरों में बंद जीव-जंतुओं को आजाद किया जाए। ज