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पहला प्रयास - First Attempt


किसान का 23 वर्षीय लड़का नसाकि। जब वह छोटा था। तब एक आई.ए.एस अधिकारी उसके गांव में आए थे। सब लोग उस अधिकारी का सम्मान कर रहे थे। तभी से नसाकि के मन में आई.ए.एस अधिकारी बनने की इच्छा जाग चुकी थी।  बचपन में ही नसाकि की मां की मौत हो चुकी थी। नसाकि ने ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद,‌ उसने यू.पी.एस.सी की तैयारी शुरू कर दी। शहर जाकर पढ़ाई करने के लिए पर्याप्त धन तो नहीं था। इसलिए उसने घर से ही पढ़ाई करने के बारे में सोचा। वह सुबह को अढ़ाई घंटे और शाम को अढ़ाई घंटे पढ़ाई करता। उसके दोस्त उसे कहते कि अरे यार परीक्षा तो देके आओ। परंतु वह कहता - में पहले अच्छे से तैयारी करने के बाद ही परीक्षा दुंगा। कुछ दिनों बाद। जब नसाकि बाहर जाता तो कई लोग उसके बारे में कहते - बाहर जाकर ट्युशन पढ़ने वाले लड़के यू.पी.एस.सी की परीक्षा पास नहीं कर पा रहे हैं और ये किसान का लौंडा घर से पढ़कर परीक्षा पास करेगा। नसाकि को ये बातें चुभती। परंतु फिर भी वह शांत भाव से वहां से चलने लगता। लगभग 7 वर्ष बाद। नसाकि ने 25 से अधिक परीक्षा से संबंधित किताबों को पढ़ डाला था। वह अब 30 वर्ष का हो गया था। जिस दिन नसाकि परीक्षा देने जा रहा था। बैंक और पुलिस के अधिकारी आकर, उसके पिता को उठाकर ले गए। क्योंकि उसके पिता ने अपने बेटे की पढ़ाई के लिए बैंक से 25 हजार रूपए का कर्ज लिया था। परंतु इस महंगाई में तय समय से वे कर्ज न चुका पाए। पहले ही घर और खेत के जमीन, दूसरे के यहां गिरवी पड़े हुए थे। नसाकि की आंखें नम हो गई। उसका मन उदास हो गया। परंतु फिर भी वह शहर जाकर यू.पी.एस.सी की परीक्षा दी। कुछ महीने बाद। नसाकि ने पहली बार में ही दोनों परीक्षाओं को पास कर लिया था। उसके खुशी का ठिकाना न था। परंतु अब भी एक चीज बाकि थी। वह थी इंटरव्यू। नसाकि ने थाने में जाकर यह खबर , अपने पिता को सुनाई तो पिता के आंखों से खुशी के आंसु झलक आए। नसाकि कभी कभार अपने पिता से मिलने जाया करता था। कुछ सप्ताह बाद।‌ इंटरव्यू के लिए जाना था। वह अपने स्मार्टफोन पर यूट्यूब प्लेटफार्म पर कई इंटरव्यू वीडियोज को देखकर, कोशिश करता रहता। इंटरव्यू का दिन आया। नसाकि तैयार होकर इंटरव्यू देने चला गया। इंटरव्यू ठीक-ठाक रहा। इंटरव्यू लेने वाले अधिकारियों ने कहा- आप इंटरव्यू में पास हो चुके है। परंतु सीट कम है और छात्र अधिक है। इसलिए आपको कम से कम पांच लाख रूपए, हमें देने होंगे। तभी आप आई.ए.एस अधिकारी बन सकते हैं। नसाकि के मुख से अनायास ही निकल गया - रिश्वत। अधिकारियों ने कहा - हां भाई तुम इसे जो कहो। यदि तुम कछ दिनों बाद पांच लाख का इंतजाम कर पाते हैं तो तुम्हारी सीट पक्की, नहीं तो यहां से अभी बाहर चले जाओं। नसाकि मुंह लटकाएं हुए, वहां से जाने लगा। अधिकारी कह रहे थे - जेब में रूपए नहीं और चले हैं आई.ए.एस बनने। नसाकि रात के समय स्ट्रीट लाइट के नीचे बैठकर पेड़ पौधों को देख रहा था। उसके आंखों से आंसु निकल रहे थे और नीचे टपक रहे थे। सुबह के समय। वह अपने गांव की एक बस पकड़कर , अपने घर चला गया। उसने इन बातों को अपने पिता को न बताई। क्योंकि वह अपने पिता को ओर दुःखी नहीं करना चाहता था। कई महीनों तक मजदूरी करके वह अपना पालन पोषण करने लगा। एक वर्ष बाद‌। जब नसाकि चाय पी रहा था। उस दुकान पर लटक रही , एक अखबार पर उसकी नजर पड़ी। वह उस अखबार को पढ़ने लगा। जिसमें लिखा था। इंटरव्यू लेने वाले अधिकारियों के घर पर सी.बी.आई की रेड पड़ी। उनके घर से करोड़ों रूपए , कालाधन जब्त किया गया और उन्हें अपने पद से सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। ये जानने के बाद, नसाकि जोर जोर से हंसने लगा और दौड़ता हुआ अपने घर जाने लगा। उसने फिर से पढ़ाई शुरू की और इस बार फिर से परीक्षा दी। नसाकि ने दूसरे प्रयास में भी परीक्षा पास कर ली। साथ ही इंटरव्यू भी पास कर ली। कुछ वर्षों की ट्रेनिंग के बाद , वह आई.ए.एस अधिकारी बनकर अपने गांव लौटा। गांववासी उसका सम्मान कर रहे थे, फुल मालाएं पहना रहे थे। एक महीने बाद, बैंक का कर्ज चुकाने के बाद , वह अपने पिता को छुड़ाकर अपने नए घर में ले जाने लगा।

लघु कहानीकार
पंकज मोदक

Nasaki, a 23-year-old farmer's son. when he was younger. Then an IAS officer came to his village. Everyone was respecting that officer. Since then the desire to become an IAS officer had awakened in Nasaki's mind. Nasaki's mother had died in his childhood. After Nasaki completed her graduation, she started preparing for UPSC. There was not enough money to go to the city and study. So he thought of studying from home. He would study for two and a half hours in the morning and two and a half hours in the evening. His friends would tell him that hey, at least give the exam. But he said - I will give the exam only after preparing well first. After a few days. When Nasaki would go out, many people would say about him - the boys who go out and study for tuition are not able to pass the UPSC exam and this farmer's son will study from home and pass the exam. These things hurt Nasaki. But still he started walking away from there calmly. After about 7 years. Nasaki had read more than 25 exam related books. He was now 30 years old. The day Nasaki was going to take the exam. Bank and police officials came and took his father away. Because his father had taken a loan of Rs 25 thousand from the bank for his son's education. But due to inflation they were not able to repay the loan within the stipulated time. The house and farm land were already mortgaged to someone else. Nasaki's eyes became moist. His mind became sad. But still he went to the city and took the UPSC exam. After a few months. Nasaki had passed both the exams in the first attempt itself. There was no limit to his happiness. But there was still one thing left. That was the interview. When Nasaki went to the police station and told this news to his father, tears of joy appeared in his eyes. Nasaki used to visit his father occasionally. After a few weeks, I had to go for an interview. He kept trying by watching several interview videos on the YouTube platform on his smartphone. The day of interview came. Nasaki got ready and went for the interview. The interview went well. The officers taking the interview said- You have passed the interview. But seats are less and students are more. Therefore, you will have to give us at least five lakh rupees. Only then you can become an IAS officer. The word that came out of Nasaki's mouth spontaneously was - bribe. The officers said - Yes brother, whatever you call it. If you are able to arrange Rs 5 lakh after a few days then your seat is confirmed, otherwise get out of here right now. Nasaki started leaving from there with his face hanging. The officers were saying - I have no money in my pocket and I am going to become an IAS. Nasaki was sitting under the street light at night and looking at the trees and plants. Tears were coming out of his eyes and dripping down. In the morning. He caught a bus from his village and went to his home. He did not tell these things to his father. Because he did not want to make his father sad. He started supporting himself by working as a laborer for several months. a year later. When Nasaki was drinking tea. His eyes fell on a newspaper hanging on that shop. He started reading that newspaper. In which it was written. CBI raided the houses of the officers taking interviews. Crores of rupees and black money were seized from his house and he has been suspended from his post. Also he has been arrested. After knowing this, Nasaki started laughing loudly and started running to his home. He started studying again and took the exam again this time. Nasaki passed the exam in the second attempt also. Also passed the interview. After a few years of training, he returned to his village as an IAS officer. The villagers were honoring him and garlanding him. A month later, after paying off the bank loan, he freed his father and took him to his new home.

Short story writer
Pankaj Modak

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