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सिया 2 - Siya 2


आपने सिया मुवी में देखा कि सिया नामक गाँव की लड़की को नौकरी देने के बहाने एम.एल.ए उसके साथ संबंध बना लेता है। कुछ दिनों बाद एम.एल.ए का बेटा और उसके कुछ दोस्त मिलकर सिया को सड़क से उठाकर एक वीरान घर में कई दिनों तक सिया का ब्लात्कार करते है और पुलिस उन लड़को को सबूत के साथ गिरफ्तार कर लेती है। एम.एल.ए के बेटे और उसके दोस्तों को बैल पर छोड़ दिया जाता है और सिया इंसाफ पाने के लिए अपने एक दोस्त से मदद लेती है। जो एक वकील थे। जब एम.एल.ए को यह पता चलता है तब  एम.एल.ए के आदमी सिया के पिता को बाहर निकालकर इतना मारते-पीटते और अधमरा करके छोड़ देते हैं। कुछ दिनों बाद सिया के चाचा को भी पुलिस अधिकारी उठाकर ले जाते हैं। कुछ दिनों पहले यह कैस सी.बी.आई को सौंप दिया गया था। इसलिए एम.एल.ए घबरा गया था। इतना तकलीफ सहने के बाद सिया के पिता बच न सकें। मर्डर की सजा पाने के डर से एम.एल.ए द्वारा कहे जाने से सिया के पिता को रात में ही जला दिया जाता है। उसके बाद सिया, उसकी माॅं, उसकी चाची और वकील एक टैक्सी में न्यायलय की ओर जा रहे थे। तभी एक ट्रक उन्हें टक्कर मार देती है। जिसके बाद सिया घायल हो जाती और बाकि सब मारे जाते है। उधर सिया हॉस्पिटल के बैड पर पड़ी रहती है। कुछ दिनों बाद सिया को होश आता है। कमरे के बाहर उसका छोटा भाई और सी.बी. आई अधिकारी सब राह देख रहे थे। उन अधिकारियों के सवाल जवाब के बाद सिया आराम करने लगती है। कुछ घण्टे बाद रात हो जाती है। सिया कमरे के बाहर झांकती है तो देखती है कि सी.बी.आई अधिकारी सब वहाँ से जा चुके थे। सिया अपने छोटे भाई को लेकर वहां से निकल जाती है। कई घंटों तक पैदल चलने के बाद वे वहां से काफी दूर आ चुके थे। उन्हें एक अनाथ आश्रम दिखा। वे उस अनाथ आश्रम के पास एक पेड़ के नीचे बैठ गये। सुबह जब अनाथ आश्रम खुली तो सिया ने अपने छोटे भाई को अनाथ आश्रम में रख दिया और वह वहां से चली गयी। कई घण्टों तक पैदल चलने के बाद वह उस गाँव से कई किलोमीटर दूर निकल गई। सिया के भाग जाने से इस केस को बंद कर दिया गया। सिया एक छोटे जंगल में चली गयी। वह एक पेड़ के ऊपर रहने लगी। दिन-प्रतिदिन सिया का क्रोध तीव्र होता जाता था। भूख लगने पर वह पेड़ के पत्तों को चबा जाती थी। उसने कहीं से सुना था डायनामाईट के बारे में। उसके मन में एक खतरनाक तरकीब ने जन्म लिया। वह दिन में सोती और रात के समय गाँव-गाँव में जाकर मछुआरों के यहाँ से डायनामाईट चुराने लगी। कई बार कारखानों से भी डायनामाईट चुराने लगी। जब डायनामाईट दस किलो से ज्यादा जमा हो जाते तो सिया उन डायनामाईटों को ले जाकर एम.एल.ए के घर के दीवारों के नीचे फीट कर देती और उसे मिट्टी से ढक देती। ऐसा करते-करते उसका शरीर थकान के मारे दर्द करने लगता। ऐसा करते-करते लगभग छः महीने बीत गए और वह दिन आया। जब सौ किलो से भी ज्यादा डायनामाईट फिट हो गए। सिया डायनामाईटों को कंट्रोल बॉक्स से जोड़कर। उसे सक्रिय करने की कोशिश करने लगी। हर डायनामाईट विद्युत तार के द्वारा जुड़े हुए थे। अँधेरी रात थी। उस घर में एम.एल.ए, उसके आदमी, उनका बेटा, उनके बेटे के दोस्त, घर की औरतें और छोटे बच्चें भी उपस्थित थे। सिया रात भर प्रयास करती रही। परंतु डायनामाईट सक्रिय नहीं हुआ। सुबह हुई। कुछ पुलिस अधिकारी वहां से गुजर रहे थे तो सिया को उन्होनें देखा। अधिकारी सिया को वहां से लेकर जाने लगी और तेज आवाज में कहा - आपलोग यहां पर किसी भी चीज को छूएगा नहीं। परंतु उस दिन सब गहरी नींद में थे। इसलिए किसी ने अच्छे से सुना नहीं। अधिकारी सिया को लेकर वहां से चली गई और सर्च टीम को काॅल कर दिया गया। कुछ समय बाद औरतें और बच्चें तैयार होकर मंदिर में पूजा करने निकल गये। घर का एक आदमी पेशाब करने के‌ लिए घर के पीछे तरफ बढ़ने लगा। वह अभी कुछ कुछ नींद में ही था । घर के बाकि सदस्य अभी भी गहरे नींद में थे। आसमान में काले बादल छाए हुए थे और हल्की हल्की गरज भी हो रही थी। घर के पीछे तरफ पैदल जाते हुए उसका पैर उस कंट्रोल बॉक्स से जा टकराया और डायनामाईट सक्रिय करने वाला बटन दब गया। जिससे डायनामाईट सक्रिय हो गए और एक धमाका हुआ। जिससे कुछ ही देर में घर ध्वस्त हो गया। घर के मलवे से दबकर उस व्यक्ति की भी मौत हो गई जिसका पैर उस बॉक्स से टकराया था। विस्फोट और ध्वस्त हुए घर के मलवे के कारण घर मैं मौजूद सभी लोग मारे गए। कुछ देर पहले सिया मन-ही-मन भगवान को बुरा भला कह रही थी। परंतु जब उसे घर के ध्वस्त होने और अपराधियों की मृत्यु होने की खबर मिली तो वह प्रसन्नचित हो उठी। उधर एम.एल.ए की पत्नी को घोर पछतावा हो रहा था। क्योंकि वह अपने बेटे और पति के बुरें कार्यों को जानने के बाद भी चुप रही। न्यायलय में सिया को पेश किया गया। एम.एल.ए की पत्नी ने न्यायलय में आकर सारी सच्चाई बता दी। जिसके बाद एम.एल.ए, उसके आदमियों, उनका बेटा और उसके दोस्तों को अपराधी करार दे दिया गया। सिया द्वारा डायनामाईट चोरी करने, डायनामाईट द्वारा घर ध्वस्त करने की कोशिश करने, किसी की जान नहीं लेने के कारण न्यायलय द्वारा सिया को कुछ साल की सजा सुनाई। सजा पूरी होने के बाद सिया को छोड़ दिया गया। सिया कई घण्टों पैदल चलकर आश्रम पहुँची। छोटे भाई ने बड़ी बहन को देखकर वह उसके गले लिपट गया और जोर-जोर से रोने लगा। शाम होने चली थी। कुछ देर बाद सूरज ढलने वाला था। सिया अपने छोटे भाई का हाथ पकड़कर अपने गाँव की ओर जाने लगी।

लघु कहानीकार
पंकज मोदक 

You saw in the movie Siya that the MLA develops a relationship with a village girl named Siya on the pretext of giving her a job. A few days later, MLA's son and some of his friends together pick up Siya from the road and rape Siya in a deserted house for several days and the police arrest those boys with evidence. The MLA's son and his friends are released on the bull and Siya seeks help from a friend to get justice. who was a lawyer. When the MLA comes to know about this, the MLA's men take out Siya's father and leave him half-dead. A few days later, Siya's uncle is also taken away by the police officers. A few days ago this case was handed over to the CBI. That's why the MLA was nervous. Siya's father could not survive after suffering so much. Fearing the punishment of murder, Siya's father is burnt in the night itself after being asked by the MLA. After that Siya, her mother, her aunt and the lawyer were going towards the court in a taxi. Then a truck hits them. After which Siya gets injured and everyone else gets killed. On the other hand, Siya is lying on the hospital bed. Siya regains consciousness after a few days. Outside the room his younger brother and C.B. Eye officers were waiting all the way. After answering the questions of those officers, Siya starts to rest. Night falls after a few hours. Siya peeps outside the room and sees that all the CBI officers have left. Siya leaves from there with her younger brother. After walking for several hours, they had come a long way from there. He saw an orphanage. He sat under a tree near that orphanage. When the orphanage opened in the morning, Siya put her younger brother in the orphanage and she left. After walking for several hours, she reached several kilometers away from that village. The case was closed as Siya ran away. Siya went to a small forest. She started living on top of a tree. Day by day Siya's anger used to intensify. When hungry, she used to chew the leaves of the tree. He had heard about dynamite from somewhere. A dangerous idea took birth in his mind. She slept during the day and went from village to village at night stealing dynamite from the fishermen. Many times even started stealing dynamite from factories. When the dynamite accumulated more than ten kilos, Siya would take those dynamites and fit them under the walls of the MLA's house and cover it with soil. While doing this, his body started aching due to fatigue. While doing this, about six months passed and that day came. When more than 100 kilos of dynamite was fitted. By connecting the Sia dynamites to the control box. Tried to activate it. Each dynamite was connected by an electrical wire. It was a dark night. The MLA, his men, his son, his son's friends, women of the house and small children were also present in that house. Siya kept trying all night. But the dynamite did not activate. It's morning Some police officers were passing by when they saw Siya. The officer started taking Siya from there and said in a loud voice - You people will not touch anything here. But that day everyone was in a deep sleep. That's why no one listened well. The officer left with Siya and the search team was called. After some time the women and children got ready and went out to worship in the temple. A man of the house started moving towards the back of the house to urinate. He was still somewhat sleepy. The rest of the family members were still fast asleep. There were dark clouds in the sky and light thunder was also happening. While walking to the back of the house, his foot hit the control box and the button that activated the dynamite was pressed. Due to which the dynamite got activated and there was a blast. Due to which the house was demolished in no time. The person whose foot hit the box also died after being buried under the debris of the house. Everyone in the house was killed due to the explosion and the debris of the collapsed house. Some time ago Siya was saying bad things to God in her mind. But when she got the news of the collapse of the house and the death of the criminals, she was overjoyed. On the other hand, the MLA's wife was feeling very remorseful. Because she remained silent even after knowing the evil deeds of her son and husband. Siya was produced in the court. The MLA's wife came to the court and told the whole truth. After which the MLA, his men, his son and his friends were convicted. Siya was sentenced to a few years by the court for stealing dynamite, trying to demolish the house with dynamite, and not killing anyone. Siya was released after serving her sentence. Siya reached the ashram after walking for several hours. Seeing the elder sister, the younger brother hugged her and started crying loudly. It was about to be evening. After some time the sun was about to set. Siya started walking towards her village holding her younger brother's hand.

Short story writer
Pankaj Modak

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