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भेलोरा - Bhelora


पुराने समय पहले भेलोरा नामक स्थान पर एक महल हुआ करता था। जो पहाड़ों और जंगलों से घिरा हुआ था। महल की राजकुमारी बहुत रूपवान थी। महल में बहुत सारे नौकर नौकरानीयाँ काम करती थीं। एक नौकर जिसका नाम गैरोल था। वह अक्सर राजकुमारी को आते-जाते समय घुरा करता था। राजकुमारी भी गैरोल को अक्सर देखा करती थी। दोनों की उम्र अठ्ठारह वर्ष से अधिक थी। धीरे- धीरे वक्त बीतता गया और उनमें लगाव बढ़ने लगा। रात का समय था। राजकुमारी महल के बाहर बैठी हुई, गैरोल का इंतजार कर रही थी। तभी उसके काका सा आकर जबरदस्ती राजकुमारी की इज्जत लूटने की कोशिश करने लगा। कुछ समय बाद वहां गैरोल पहुंचा। यह दृश्य देखकर गैरोल आग-बबूला हो उठा। काका सा और गैरोल के बीच खूब हाथापाई हुई। जिसके कारण दीनों जखमी हो गए। वहां पर पुलिस पहुंची। पुलिस ने गैरोल को पकड़कर वहां से ले गई और राजकुमारी ने कुछ न कहा। परिवार के कहने पर राजकुमारी ने न्यायालय मैं झूठी गवाही दी। जिसके कारण गैरोल को दस साल की सजा सुनाई गई। कुछ दिनों बाद राजकुमारी गैरोल से मिलने गई। गैरोल ने कहा- तुमने ऐसा क्यों किया? राजकुमारी ने कहा- अपने खानदान की शान और इज्जत के लिए। मुझे माफ कर देना। उसके बाद राजकुमारी वहां से चली गयी। यह सुनने के बाद गैरोल की आँखों में क्रोध की चिंगारी सुलगने लगी। उधर राजकुमारी को एक प्रकार की जटिल बीमारी हो गई। जिसके कारण वह दस साल तक उस बीमारी से ग्रसित रही। दस साल पुर्ण हो जाने के बाद गैरोल जेल से छूट गया। इतने वर्ष बीत जाने के बाद कई डॉक्टरों से इलाज कराने के बाद राजकुमारी भी स्वस्थ हो गई। कुछ दिनों बाद राजकुमारी की शादी लग गई। हर तरफ रोशनी से भेलोरा जगमगा रहा था। हर तरफ खुशियाँ मनाई जा रही थी। तभी एक खबर आती है कि राजकुमारी से शादी होने वाले दुल्हे को किसी ने पैर पर रस्सी बांधकर पेड़ से लटका दिया है और उसका गुप्तांग काट दिया है। कटे हुए गुप्तांग से खून टपक रहा था। उस दुल्हे को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसके बाद उसकी जान बच गई। परंतु शादी का माहौल अब शोक के माहौल में बदल गया। धीरे-धीरे वक्त बीतता गया। इसी तरह राजकुमारी से शादी लगने वाले कई दुल्हों की उसी तरह  हालत हुई। अब कोई भी राजकुमारी से शादी नहीं करना चाह रहा था। एक दिन राजकुमारी को एक पत्र आया। पत्र में लिखा था- तुम्हारी शादी अधुरी रहेगी, तुम्हारा गैरोल। यह पढ़कर राजकुमारी को एक झटका सा लगा। पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट लिखाई गई। गैरोल की खोज शुरू हई। अब राजकुमारी उदास और गुमसुम सी बैठी रहती। एक दिन इन सब से तंग आकर राजकुमारी ने एक गलत कदम उठाने का फैसला किया। वह एक सुनसान ब्रिज पर पहुँची। एक दुल्हन की तरह सज-धजकर। वह ब्रिज के नीचे बहते हुए नदी के पानी को कुछ देर तक देखती रही और नदी में कूद गयी। जब गैरोल को यह बात पता चली तो वह घोर पश्चाताप में डूब गया। कुछ समय बाद वह भी उस ब्रिज के पास पहुंचा। उसके आँखों से आँसू झलक रहे थे। हल्की-हल्की ठंडी‌ हवाएँ चल रही थी। कुछ मीनट बाद गैरोल भी उस नदी में कूद गया। कुछ देर तक चिल्लाहट के बाद सब शांत हो गया। अब शाम होने चली थी और वे दोनों नदी के तेज बहाव में बहते चले जा रहे थे।

लघु कहानीकार
पंकज मोदक

In ancient times, there used to be a palace at a place called Bhelora. Which was surrounded by mountains and forests. The princess of the palace was very beautiful. Many servants and maids used to work in the palace. A servant named Garol. He often used to stare at the princess while coming and going. The princess also used to see Garol often. Both were over eighteen years of age. Slowly time passed and their attachment started increasing. It was night time The princess was sitting outside the palace, waiting for Garol. That's why his uncle came and started trying to rob the princess's respect by force. Garol reached there after some time. Seeing this scene, Garol became enraged. There was a lot of scuffle between Kaka Sa and Garol. Due to which the poor got injured. Police reached there. The police caught Garol and took him away and the princess did not say anything. At the behest of the family, the princess gave false testimony in the court. Due to which Garol was sentenced to ten years. A few days later the princess went to meet Garol. Garol said - why did you do this? The princess said - for the pride and honor of her family. Please forgive me. After that the princess left from there. After hearing this, the spark of anger started burning in Garol's eyes. On the other hand, the princess got a kind of complicated disease. Because of which she suffered from that disease for ten years. Garrol was released from prison after completing ten years. After passing so many years, after getting treatment from many doctors, the princess also became healthy. After a few days the princess got married. Bhelora was shining with light everywhere. Happiness was being celebrated everywhere. Then a news comes that the bridegroom who is going to marry the princess has been hanged from a tree by tying a rope on his leg and his genitals have been cut off. Blood was dripping from the cut genitals. That groom was admitted to the hospital. After which his life was saved. But the atmosphere of marriage has now turned into an atmosphere of mourning. Time passed slowly. Similarly, many grooms who wanted to marry the princess had the same condition. Now no one wanted to marry the princess. One day a letter came to the princess. It was written in the letter – your marriage will remain incomplete, your gaol. The princess got a shock after reading this. Report was written in the police station. The search for Garol began. Now the princess used to sit sad and lonely. One day, fed up with all this, the princess decided to take a wrong step. She reached a deserted bridge. Dressed up like a bride. She kept watching the river water flowing under the bridge for some time and jumped into the river. When Garol came to know about this, he was deeply repentant. After some time he also reached near that bridge. Tears were visible from his eyes. Lightly cold winds were blowing. After a few minutes Garol also jumped into that river. After shouting for some time, everything became calm. Now it was about to be evening and both of them were going on flowing in the strong current of the river.

Short story writer
Pankaj Modak

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