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प्रतिबंध (Ban)


एक बार देश की सरकार ने देश को आत्मनिर्भर और विकसित करने लिए कुछ निर्णय लिए। निर्णय के अनुसार सरकार ने देश में मौजूद विदेशी कंपनियों के व्यापार करने पर प्रतिबंध लगा दिया। यह सूचना पाने के बाद विदेशी कंपनियों के मालिकों को एक बड़ा झटका सा लगा। विदेशी कंपनियाँ कुछ दिनों बाद अपना व्यापार समेटकर अपने-अपने देश चले गये। एक-दो सप्ताह बाद विश्व व्यापार संगठन ने इसका विरोध किया। परंतु सरकार ने इस पर ध्यान न दिया। धीरे-धीरे वक्त बीतता चला गया। अन्य देशों ने उस देश के साथ खरीदना और बेचना बंद कर दिया। जिसके कारण पेट्रोल, डीजल और अन्य सामानों की कमी होने लगी। जिसके कारण उनके दाम आसमान छुने लगे। उस देश की जनसंख्या काफी ज्यादा थी। जिसके कारण देशी कंपनियां जरूरत के हिसाब से उत्पादन नहीं कर पा रही थी। जिसके कारण देश में बनने वाले उत्पादों की मांग बढ़ गई। जिसके कारण देश में बनने वाले उत्पादों के दाम भी काफी बढ़ गये। मांग बढ़ने के कारण गरीब और माध्यम परिवार के लोग पेट्रोल, डीजल, इलेक्ट्रोनिक सामानों और अन्य सामानों को खरीदने में असमर्थ होने लगे। देश की स्थति बिगड़ने लगी। पेट्रोल, डीजल की कमी के कारण देश के कई हवाई जहाज, सैकड़ों गाड़िया धीरे-धीरे बंद सी पड़ गई। धीरे-धीरे इसकी संख्या बढ़ती चली जा रही थी। देश के जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन होने लगे। सरकार को देश छोड़कर भागना पड़ा। वे सीधे विश्व व्यापार संगठन मे गए। उस देश की सरकार ने माफी मांगी और सभी विदेशी कंपनियों से विनती की कि आप हमारे देश में व्यापार करें। कुछ दिनों बाद जब लोगों को यह सूचना मिली। तब जाकर विरोध प्रदर्शन धीरे-धीरे समाप्त हो गया। विदेशी कंपनियां देश में आकर व्यापार करने लगी और सरकार अन्य देशों के साथ लेन-देन करने लगी। विश्व व्यापार संगठन में शामिल देशों ने उस देश की आर्थिक मदद की। धीरे-धीरे वक्त बीतता गया। धीरे-धीरे देश की आर्थिक स्थिति सुधरने लगी। कुछ साल बाद उस देश की आर्थिक स्थति सामान्य हो गई।

लघु कहानीकार
पंकज मोदक 

Once the government of the country took some decisions to make the country self-reliant and developed. As per the decision, the government banned foreign companies from doing business in the country. After getting this information, the owners of foreign companies got a big shock. Foreign companies after a few days wrapped up their business and went to their respective countries. After a week or two, the World Trade Organization opposed it. But the government did not pay attention to it. Time passed slowly. Other countries stopped buying and selling with that country. Due to which there was a shortage of petrol, diesel and other goods. Due to which their prices started touching the sky. The population of that country was very high. Due to which the domestic companies were not able to produce according to the requirement. Due to which the demand for products made in the country increased. Due to which the prices of the products made in the country also increased a lot. Due to increase in demand, poor and middle class people were unable to buy petrol, diesel, electronic goods and other goods. The condition of the country started deteriorating. Due to the shortage of petrol and diesel, many airplanes and hundreds of vehicles of the country were gradually stopped. Gradually its number was increasing. Protests started happening in different places of the country. The government had to flee the country. They went straight to the World Trade Organization. The government of that country apologized and requested all foreign companies to do business in our country. After a few days when people got this information. After that the protests gradually ended. Foreign companies started doing business in the country and the government started doing transactions with other countries. The countries included in the World Trade Organization helped that country financially. Time passed slowly. Gradually the economic condition of the country started improving. After a few years, the economic condition of that country became normal.

Short story writer
Pankaj Modak 

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अनजान गांव - Unknown Village

सुनिदा जो कुछ दिनों पहले नयी शिक्षिका बनी। उसके खुशी का ठिकाना न था। वह बेहद खुश थी। परंतु वह जिस विद्यालय में नियुक्त हुई। वह शहर से काफी दूर था। दूसरे दिन। वह अपने पिता का आशीर्वाद लेकर निकल ही रही थी कि उसके पिता ने कहा - बेटी कुछ छुट्टे रूपये ले जाओं। तुम्हारे काम आएंगे। सुनिदा ने कहा - पिताजी बाहर किसी से छुट्टे रूपये ले लुंगी। उसके बाद वह घर से बाहर निकल गई। वह बस स्टॉप की ओर बढ़ने लगी। कुछ देर बाद वह बस स्टॉप के पास पहुंची। उसने बस पकड़ी और विद्यालय की ओर चल पड़ी। उस विद्यालय के पहले एक अनजान गांव पड़ता हैं। जब सुनिदा ने विद्यालय का नाम स्मार्टफोन के नक्शे पर सर्च किया तो वह आ गया। परंतु विद्यालय से थोड़ी दूर पर स्थित उस अनजान गांव के बारे में नक्शे पर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं थी या शायद किसी ने जानकारी नहीं छोड़ी थी। यह देखकर उसे थोड़ा आश्चर्य हुआ। कुछ घण्टे बाद वह बस उस गांव से गुजरने लगीं। सुनिदा ने खिड़की से बाहर झांककर देखा तो उसे थोड़ी घबराहट हुई। उस गांव में कोई दुकान न थी। बाहर बैठे लोग सुनिदा को ही देखें जा रहे थे। जैसै- उन लोगों की नजरें सिर्फ़ सुनिदा पर ही टिकी हुई हो।

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