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रु.999 (Rs.999)


एक स्मार्टफोन कंपनी जो देश में नयी-नयी आई हुई थी। उस नयी कंपनी के मालिक ने कुछ अलग करने के बारे में सोचा। उस कंपनी ने कुछ सालों बाद लगभग एक लाख प्लस 4जी स्मार्टफोन तैयार कर लिये। उस कंपनी ने उतने स्मार्टफोन बनाने के लिए एक अरब रुपए निवेश किये थे। कंपनी के मालिक का नाम सेजन था। अब उसने स्मार्टफोन पर एक ऑफर रखा। जो एक साल तक सीमित था। ऑफर के तहत लोगों को मात्र 999 रू. में स्मार्टफोन दियें जाएँगे। ऑफर इतना दमदार था कि लोगों ने लालच में आकर स्मार्टफोन खरीदना शुरू कर दिया। लगभग एक साल के भीतर कंपनी के एक लाख प्लस स्मार्टफोन बिक गये। लोग उस कंपनी के मालिक को पागल‌ और महामुर्ख सोच रह थे। क्योंकि उस कंपनी को करोड़ों का नुकसान हो चुका था। परंतु पहले से उस मालिक ने एक योजना बना रखी थी। उस मालिक ने पहले देश में मौजूद प्लांट को बेच दिया और कर्मचारियों से कहा गया। आपलोग दूसरी कंपनी में भर्ती हो जाईए। सेजन‌ विदेश चला गया। सेजन ने विदेश में एक सौ साईबर अपराधियों को काम पर रखा। कंपनी ने पहले से ही उन स्मार्टफोनों में एक प्रकार का वायरस इंस्टॉल कर दिया था। जिसे हटाया नहीं जा सकता था। उस वायरस की मदद से अपराधियों ने एक साल के भीतर लाखों प्लस लोगों का बैंक अकाउंट खाली कर दिया। लाखों से भी ज्यादा लोग अपनी मेहनत की कमाई गवा चुके थे। सेजन ने उस देश के लोगों से लगभग दस अरब रुपए लूट लिए।उतने सारे लोग अपनी लालच पर पछता रहे थे। परंतु अब बहुत देर हो चुकी थी। अब उन लोगों ने सरकार से शिकायत की। दिनों-दिन बीतते गए। मालिक विदेश में ऐश करता रहा। परंतु पाँच साल बाद मालिक सेजन को पकड़ लिया गया। तबतक सेजन के पास मात्र कुछ लाख रूपये ही बचे हुए थे। जो लौटाने के लिए पर्याप्त नहीं थे। उन लोगों को अपने रूपये तो नहीं मिले। परंतु उस अपराध के चलते सेजन को पच्चीस वर्ष की सजा सुनाई गई।

लघु कहानीकार

पंकज मोदक 

A smartphone company that had just arrived in the country. The owner of that new company thought of doing something different. After a few years, that company has prepared about one lakh plus 4G smartphones. That company had invested one billion rupees to make so many smartphones. The name of the owner of the company was Sejan. Now he put an offer on the smartphone. Which was limited to one year. Under the offer, only Rs.999 will be given to the people. Smartphones will be given in The offer was so strong that people got greedy and started buying smartphones. Within a year, the company sold one lakh plus smartphones. People were thinking of the owner of that company as a madman and a fool. Because that company had suffered a loss of crores. But the owner had already made a plan. That owner sold the plant in the first country and the employees were told. You get recruited in another company. Cézanne went abroad. Sejan hired one hundred cyber criminals abroad. The company had already installed a type of virus in those smartphones. which could not be removed. With the help of that virus, criminals emptied the bank account of millions plus people within a year. More than lakhs of people had lost their hard earned money. Sejan looted about ten billion rupees from the people of that country. All those people were regretting their greed. But now it was too late. Now those people complained to the government. Days passed by. The owner continued to enjoy abroad. But five years later, owner Sejan was captured. Till then only a few lakh rupees were left with Sejan. Which was not enough to pay back. Those people did not get their money. But because of that crime, Sejan was sentenced to twenty-five years. 

Short story writer

Pankaj Modak 

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अनजान गांव - Unknown Village

सुनिदा जो कुछ दिनों पहले नयी शिक्षिका बनी। उसके खुशी का ठिकाना न था। वह बेहद खुश थी। परंतु वह जिस विद्यालय में नियुक्त हुई। वह शहर से काफी दूर था। दूसरे दिन। वह अपने पिता का आशीर्वाद लेकर निकल ही रही थी कि उसके पिता ने कहा - बेटी कुछ छुट्टे रूपये ले जाओं। तुम्हारे काम आएंगे। सुनिदा ने कहा - पिताजी बाहर किसी से छुट्टे रूपये ले लुंगी। उसके बाद वह घर से बाहर निकल गई। वह बस स्टॉप की ओर बढ़ने लगी। कुछ देर बाद वह बस स्टॉप के पास पहुंची। उसने बस पकड़ी और विद्यालय की ओर चल पड़ी। उस विद्यालय के पहले एक अनजान गांव पड़ता हैं। जब सुनिदा ने विद्यालय का नाम स्मार्टफोन के नक्शे पर सर्च किया तो वह आ गया। परंतु विद्यालय से थोड़ी दूर पर स्थित उस अनजान गांव के बारे में नक्शे पर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं थी या शायद किसी ने जानकारी नहीं छोड़ी थी। यह देखकर उसे थोड़ा आश्चर्य हुआ। कुछ घण्टे बाद वह बस उस गांव से गुजरने लगीं। सुनिदा ने खिड़की से बाहर झांककर देखा तो उसे थोड़ी घबराहट हुई। उस गांव में कोई दुकान न थी। बाहर बैठे लोग सुनिदा को ही देखें जा रहे थे। जैसै- उन लोगों की नजरें सिर्फ़ सुनिदा पर ही टिकी हुई हो।

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